राम गोपाल वर्मा की फिल्म "रण" का ये गाना कितना सच हैं ?
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जन गण मन ... रण हैइस रण में जख्मी हुआ है भारत भाग्य विधाता
पंजाब सिंध गुजरात मराठा एक-दूसरे से
लड़कर मर रहे हैं
इस देश ने हमको एक किया, हम देश के टुकड़े
कर रहे हैं
द्राविड़ उत्कल बंग, खून बहाकर हमने एक रंग
का कर दिया तिरंगा
सरहदों पर जंग और गलियों में दंगा-फसाद
विंध्य हिमाचल जमना गंगा में तेजाब उबल
रहा है,
मर गए सबके जमीर, जाने कब हो जिंदा आगे फिर
तब शुभ नामे जागे, तब शुभ आशिष मांगे
आग में जलकर चीख रहा है, फिर भी कोई
सच को नहीं बताता
गाए तब जय गाथा
देश का ऐसा हाल है, लेकिन आपस में लड़ हैं नेता
जन गण मंगल दायक जया है
भारत को बचा ले विधाता...
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1 comment:
सुन्दर ब्लॉग...अच्छा प्रयास.
यदुकुल ब्लॉग पर भी आयें....
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